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Showing posts from April, 2023
#लाकडाउन-१ बच्चे खुश हो गये, उन्हें स्कूल नहीं जाना पड़ेगा। बड़े खुश हो गये, उन्हें आफिस नहीं जाना पड़ेगा। स्त्रियाँ रसोई की ओर चल पड़ीं। #लाकडाउन-२ बच्चों की जिद मैगी की थी, बड़ों को चाय के साथ पकौड़ा चाहिए था, स्त्रियों ने लाकडाउन के दिन गिने, स्त्रियों ने डाईटिंग शुरू कर दी। #लाकडाउन-३   घोषणा हुई, घर रहें,सुरक्षित रहें, बाहर निकलने पर खतरा है संक्रमण का, सब घरों की ओर दौड़े, स्त्रियाँ सहम गयीं, एक खतरा अंदर भी आ रहा था। #लाकडाउन-४ पुरूषों के लिए नया था ये शब्द, बाहर जाने पर पाबंदी होगी, 'सामाजिक दूरी' बनानी होगी, किसी को 'छूना' खतरनाक होगा, पुरूषों ने स्त्रियों की ओर देखा और स्त्रियों ने इतिहास की ओर। ✍अतुल पाण्डेय