मेम्स कल्चर
मुझे अपने मित्रों से आज मुझे बेहद नाराजगी है क्योंकि ये आलोचना और विरोध में अंतर नहीं समझ पा रहे।आलोचना लोकतंत्र के मूल में है।कुछ लोग विरोध व समर्थन की चरम सीमा पर पहुँच गए हैं।सरकारें को प्रतिपुष्टि देना जनता का अधिकार व कर्तव्य है। सबसे बुरी बात ये है कि प्रत्येक राजनीतिक दलों की आई टी सेल तथा विभिन्न राजनेताओं,अभिनेताओं व अन्य सेलिब्रिटीज फैन क्लब अपने समर्थकों तथा फालोवरों को बरगलाने का कार्य कर रहे।बिना तथ्यों की जांच-पड़ताल किये पढ़े-लिखे लोग भी इन फैन क्लबों तथा आई टी सेल द्वारा प्रायोजित लाल-हरे-पीले इत्यादि रंगो द्वारा सजाये गये न्यूज़ तथा न्यूज़ मीम्स शेयर कर रहे हैं। कुछ लोग राजनीतिक वन लाइनर लिखकर #हैशटैग ट्रेंड करा रहे हैं। एक प्रसिद्ध वाक्यांश चल पड़ा है की "तब कहां थे जब..." यह अपने आप में ही अर्ध सत्य है।क्योंकि देशकाल परिस्थितियों के साथ तस्वीरें अपना मूल संदर्भ खो भी देती हैं।हर व्यक्ति हरसमय हर जगह नहीं हो सकता।ये भी सम्भव है कि फलां घटना घटित हो रही हो तो वह नहीं उपस्थित रहा हो अथवा कल अमुक घटना के समय रहा हो आज नहीं हो। आज की कोरोना संक्रमण के समय भी ल