कब_रूकेगा_महापलायन_का_अंतहीन_सिलसिला
#कब_रूकेगा_महापलायन_का_अंतहीन_सिलसिला? मेरे गाँव से दो किलोमीटर पर स्थित है राम-जानकी मार्ग जो कि उत्तर प्रदेश और बिहार को जोड़ता है।उत्तरप्रदेश और बिहार को अलग करती है छोटी गणडक्।यहाँ से छः किमी दूर राम-जानकी मार्ग पर, गण्डक पर बने पुल के पश्चिम ओर है जनपद देवरिया तथा पूरब है बिहार का सिवान जनपद।पलायन की जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर देख रहा था ,आज साक्षात देखा।ट्रको और लारीयों में भर-भर के मजदूर जा रहे हैं।ट्रकों में दो दो खण्ड बना कर तथा ट्रक की छतों पर बैठ कर मजदूर जा रहे हैं।पलायन का अंत हीन सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।सरकारी बसों में भी भर-भर के मजदूर आ रहे।बिहार से गाड़ियों के आने पर प्रतिबंध लगाया गया है।कोरोना ने इन मजदूरों को कहीं का नहीं छोड़ा।लेकिन आज भूख के आगे कोरोना का डर कुछ भी नहीं है।प्रथम प्रणयी भूख ही है। जेठ की उदास शाम,आसामान में छिट-फुट बादल।कोरोना संक्रमण के लाकडाउन में रेंगता जीवन।सहमा अलमस्त गाँव। कुछ लोगों को बिहार बार्डर पार कराने आया हूँ।सडक पर मजदूरों की गाड़ियों को छोड़ कर इक्का दुक्का गाडिया जा रही।।हम लोग कुल छ: लोग हैं।सबने मास्क पहन