ना
लड़कों को सिखाएं लड़की की "ना" का सम्मान करना ----------------------------------------------------------------- मैंने पहली बार जब 'ना' कहा तब मैं 8 बरस की थी "अंकल नहीं .. नहीं अंकल ' एक बड़ी चॉकलेट मेरे मुंह में भर दी अंकल ने मेरे 'ना' को चॉकलेट कुतर कुतर कर खा गई मैं लज्जा से सुबकती रही बरसों अंकलों से सहमती रही फिर मैंने ना कहा रोज़ ट्यूशन तक पीछा करते उस ढीठ लड़के को ' "ना ,मेरा हाथ न पकड़ो " ना ,ना... मैंने कहा न " ना " मैं नहीं जानती थी कि "ना "एक लफ्ज़ नहीं ,एक तीर है जो सीधे जाकर गड़ता है मर्द के ईगो में कुछ पलों बाद मैं अपनी लूना सहित औंधी पड़ी थी मेरा " ना" भी मिट्टी में लिथड़ा दम तोड़ रहा था तीसरी बार मैंने "ना" कहा अपने उस प्रोफेसर को जिसने थीसिस के बदले चाहा मेरा आधा घण्टा मैंने बहुत ज़ोर से कहा था " ना " "अच्छा..! मुझे ना कहती है " और फिर बताया कि जानते थे वो मैं क्या- क्या करती हूँ मैं अपने बॉयफ्रेंड के साथ अपने निजी प्रेमिल लम्हों की अश्लील व्याख्या सुनते हुए मैं खड़