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Showing posts from May, 2022

प्रत्येक काल-खण्डों में 'स्त्रियों ने रचा इतिहास' दुहराया गया अनेक बार परंतु इतिहास में ही रहीं, इतिहास रचने वाली स्त्रियां... दरअसल! स्त्रियों ने इतिहास नहीं पढ़ा स्त्रियों ने सिर्फ गढ़ा है इतिहास...

माँ का ऋणी हो तुम माँ ने तुम्हें जीवन दिया पिता का आभार व्यक्त करो पिता ने तुम्हें छाँव दी परन्तु, राजा को धन्यवाद देना पड़ेगा बस इसलिये कि वह तुम्हे जीने दे रहा... -अतुल पाण्डेय