1
]मौसम बहुत खराब हो रहा
कल थोड़ा घाम हुआ था
दिन भर धुंधला धुंधला
घाम मने धूप
बकवास लग रहा ह। कुछ भी अच्छा नहीं
कोई सिस्टम नहीं
गंदगी फैली हुई है
छोटे बच्चो का हल्ला
डिब्बा पर डंडे से बेल लग रही। गुल्ला
Sab MDM me se kha rahe
इतना चीप बात कर रहे सब टीचर्स की
जिस बिहार की बात करता था एकदम वही है।बच्चे बोरा ले कर आ रहे पढ़ने। जमीन पर बैठ जा रहे
क्या कहें
मेरे कॉलेज के चपरासी भी उनसे सभ्य हैं
वही मुख्यतः एससी एसटी और ओबीसी वर्ग के वंचित निरीह बच्चे
शायद इतनी बुरी स्थिति मेरे समय में प्राइमरी स्कूलों में हुआ करती थी
: विद्यालय की टाइमिंग 9 भी से 5 बजे तक किए हैं शिक्षा सचिव बिहार केके पाठक जी।मैं थोड़ा लेट पहुंचा 10 बजे के करीब
आज कल मेरे क्षेत्र में बहुत बेहतर स्थिति में हैं प्राइमरी स्कूल
प्रार्थना लगभग हो गई थी
: पांच पंक्ति में बच्चे लाइनअप थे
बच्चों की भेष भूषा उनकी गरीबी को दर्शा रही थी
स्मित चेहरे और शर्मीले व्यवहार से मैच्योरिटी का भाव झलक रहा था उनमें।
: जनवरी का महीना और कुछ ही बच्चे गर्म कपड़े पहने हुए थे, बच्चियों के कपड़े अपेक्षाकृतसाफ सुथरे और धुले हुए दिख रही थी।
: कुछ किशोर लड़के जो थोड़े पीछे खड़े थे ,हम नवनियुक्त ट्रेनी अध्यापकों को कौतूहल से देख रहे थे,और आपस में आंखो आंखों में बात कर के हंस रहे थे। कुछ किशोर लड़के जो थोड़े पीछे खड़े थे ,हम नवनियुक्त ट्रेनी अध्यापकों को कौतूहल से देख रहे थे,और आपस में आंखो आंखों में बात कर के हंस रहे थे।
प्रिंसिपल साहेब मुंह में गुटखा लिए हुए गाड़ी से उतरे और फोन निकाल कर टाइम देखे और कोई नंबर डायल कर के कान पर लगा कर बच्चों की कतार के पीछे चले गए और बात करने लगे।
बीच बीच के गुटखे का पीक एक पुराने नल के सटे नाली पर थूक रहे एक मास्टर साहब जो थोड़े अनुशासित ढंग से नज़र आये वे बच्चों को पंक्ति बद्ध कराए और उनमें से एक एक बच्चे को बुला कर सामने कोई न कोई बात या प्रश्न पूछने को कह रहे थे
: ये काम थोड़ा संतोषजनक लगा मुझे
मास्टर साहब बीच बीच में उनका हौसला अफजाई भी कर रहे थे
इन मास्टर साहब द्वारा बुलाए जाने परप्राइमरी स्तर के बच्चे संडे मंडे या जनवरी फरवरी टूटी फूटी हिंदी और अंग्रेजी के उच्चारण से बता रहे
कुछ फैक्ट्स गलत होने पर सुधार किए या प्रश्नवाचक दृष्टि हम लोगों की तरफ भी देखे कि सही है या गलत।।
Comments
Post a Comment